Wednesday, March 20, 2013
Tuesday, March 19, 2013
Na bole tum na maine kuch kaha...
उस रोज़ दरवाज़ा तो बन्द किया था मैने
खिड़कियां भी तबसे खोली नही है
फिर क्यूँ यादों के दरिचो से झाँकते हो तुम?
मैं दूर जितनी भी जाउ
क्यूँ मेरे पीछे भागते हो तुम?
नहीं, मेरे पास तुमसे कहने को कुछ भी नही है
ना ही मैं सुनना चाहती हू के
तुम कहने क्या आते हो
मत आया करो बार बार यहाँ
अब कुछ भी तुम्हारा नही है
मत आया करो क्यूंकी
यहाँ अब किसी को भी तुम्हारा इंतेज़ार नही है.
~From Na Bole Tum Na Maine Kuch Kaha, Season 2
Needless to say I am addicted to this show and in love with it too.
खिड़कियां भी तबसे खोली नही है
फिर क्यूँ यादों के दरिचो से झाँकते हो तुम?
मैं दूर जितनी भी जाउ
क्यूँ मेरे पीछे भागते हो तुम?
नहीं, मेरे पास तुमसे कहने को कुछ भी नही है
ना ही मैं सुनना चाहती हू के
तुम कहने क्या आते हो
मत आया करो बार बार यहाँ
अब कुछ भी तुम्हारा नही है
मत आया करो क्यूंकी
यहाँ अब किसी को भी तुम्हारा इंतेज़ार नही है.
~From Na Bole Tum Na Maine Kuch Kaha, Season 2
Needless to say I am addicted to this show and in love with it too.
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